जब हमें प्यास लगती है, हम फ्रिज से पानी की बोतल निकालकर ठंडा पानी मिनटों में पी लेते है. प्यास तो बुझ जाती है, पर ये हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है. आयुर्वेद के हिसाब से एक साथ बहुत ज्यादा पानी पी लेना हानिकारक होता है. हमें धीरे-धीरे करके घूंट-घूंट करके पानी पीना चाहिए
पानी पीने के कुछ नियम
पानी आपके शरीर में अच्छे से अब्सॉर्ब हो इसके लिए पानी बैठकर पीना चाहिए.
दिन भर के पानी पीने के कोटे को पूरा करने की लालच में पानी एक बार में न पिएं ये आदत गलत है. आयुर्वेद के अनुसार पानी को धीरे-धीरे पूरे दिन पीते रहना चाहिए.
फ्रिज का ठंडा पानी पीने की आदत को बदलना चाहिए, ये सेहत के लिए ठीक नहीं होता. इसकी जगह मटके में रखा पानी पीया जा सकता है या फिर गुनगुना और सामान्य पानी पीना चाहिए. फ्रिज का ठंडा पानी आपकी जठराग्नि को बुझा देता है, जिससे खाने को डाइजेस्ट होने में समस्या आती है.
पानी को प्लास्टिक की बोतल में रखने से बचना चाहिए. कोशिश करना चाहिए कि पानी को मिट्टी या फिर तांबे के बर्तन में स्टोर करके रखे. ये दोनों न हो तो स्टील के बर्तन में भी रख सकते हैं.
नल से लेकर सीधा पानी ना पिएं, पानी को पहले किसी बर्तन में रख लें, और उसके बाद ही पिएं.
सुबह उठते ही पहले गुनगुना पानी पीने की आदत डालें. ये शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है.
दिन भर में कितना पानी पीना चाहिए ?
दिनभर में कितना पानी पीना चाहिए, इसका कोई सटीक नियम नहीं है क्योंकि हर किसी के शरीर की ज़रूरतें अलग होतीं हैं तो सबको अपने शरीर के हिसाब से पानी पीना चाहिए. शरीर के लिए पानी अच्छा है, ये सोच कर दिन भर में बहुत सारा पानी पी लेना हानिकारक हो सकता है. आयुर्वेद के हिसाब से पानी को भी डाइजेस्ट करने की ज़रूरत होती है. आपको कितना पानी पीना चाहिए ये आपका शरीर आपको खुद बता देता है. अगर आपको पसीना नहीं आ रहा है, आप कॉन्स्टिपेटेड महसूस कर रहे है, मुंह में ड्राईनेस फील हो रही है, तो ये कुछ साइन्स है जो बताते है की आपके शरीर को पानी की बहुत ज़रूरत है.
पानी कब पीना चाहिए ?
आप दिन भर में कभी भी पानी पी सकते है, लेकिन आयुर्वेद के हिसाब से आपको खाने के आधे घंटे पहले से लेकर खाने के आधे घंटे बाद तक पानी नहीं पीना चाहिए. अगर खाना खाते समय बहुत जरूरत महसूस हो, तो एक या दो घूंट पानी पीया जा सकता है....
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