क्वांट फंड में निवेश -
क्वांटिटेटिव या क्वांट इन्वेस्टमेंट में बड़े पैमाने पर डेटा (जैसे वैल्युएशन, क्वालिटी, लिक्विडिटी, रिटर्न और कीमतों में बदलाव की रफ्तार) का विश्लेषण करने के लिए एल्गोरिद्म का इस्तेमाल किया जाता है। इस विश्लेषण के नतीजों के आधार पर शेयरों का चयन किया जाता है। मोटे तौर पर इसका मतलब ये है कि ट्रेड ऐतिहासिक डेटा पर आधारित होते हैं। यानी निवेश का फॉर्मूला लगभग तय होता है।
तीन वजहों से आप चुन सकते हैं क्वांट फंड, फायदे में रहेंगे
- कम लागत: इनमें निवेश की लागत यानी एक्सपेंस रेश्यो सिर्फ 0.5% है। आम तौर पर ये अनुपात 1.25-2.50% तक होता है।
- ज्यादा रिटर्न: क्वांट फंड्स ने तीन साल में 43.5% तक रिटर्न दिए हैं। यानी 1 लाख की पूंजी बढ़कर 1,43,500 रुपए हो गई।
- क्लीन स्ट्रैट्जी: फंड मैनेजर न होने से फ्रंट रनिंग, इनसाइडर ट्रेडिंग जैसी गड़बड़ियां नहीं।
इन स्कीम्स में फंड मैनेजर की ज्यादा भूमिका नहीं
म्यूचुअल फंड की ये स्कीम्स निवेश के लिए शेयरों का फैसला कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से गणितीय आधार (एल्गोरिद्म) पर करती हैं। इनमें फंड मैनेजर की ज्यादा भूमिका नहीं होती। इस तरह पोर्टफोलियो के लिए निष्पक्ष तरीके से शेयर चुनने में मदद मिलती है।हाल के महीनों में मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की बढ़ती स्मार्टनेस को देखते हुए इस बात की संभावना बढ़ी है कि क्वांट फंड बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हालांकि अब भी इनका प्रदर्शन कमजोर नहीं है। 3 साल में इनका रिटर्न 44% तक रहा है।
कैसे काम करते हैं क्वांट फंड?
क्वांट गणितीय मॉडल पर काम करते हैं. सही समय पर सही शेयरों की पहचान के लिए ये नाप सकने योग्य पैमानों पर निर्भर करते हैं. फंड मैनेजर का किसी शेयर या अन्य चीजों को लेकर झुकाव हो सकता है. क्वांट फंड शेयरों के चयन की प्रक्रिया में इस पहलू को पूरी तरह हटाते हैं. ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम करते हैं. हर क्वांट फंड के शेयरों की पहचान करने के अपने नियम हैं. इस तरह मानवीय हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं रहती है. बने-बनाए मॉडल के अनुसार शेयर चुन लिए जाते हैं.उदाहरण के लिए Reliance Quant Fund को लेते हैं. यह वैलुएशन, अर्निंग, प्राइस, मोमेंटम और क्वालिटी जैसे पैमानों के आधार पर शेयरों को चुनता है. यह एकमात्र शुद्ध क्वांट आधारित इक्विटी फंड है. DSP Mutual Fund की नई स्कीम वैल्यू, ग्रोथ और क्वालिटी के आधार पर शेयरों का चयन करेगी. Quant AMC भी क्वांट आधारित म्यूचुअल फंडों की पेशकश करती है. लेकिन, इनमें फंड मैनेजर का कुछ हस्तक्षेप होता है.
चूंकि क्वांट फंड पूरी तरह से बने-बनाए मॉडल पर काम करते हैं. लिहाजा, इनकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इस मॉडल को कितने कायदे से बनाया गया है. पहले से तय नियम इतने मजबूत होने चाहिए कि समय गुजरने के साथ इनके अच्छे नतीजे दिखाई दें.
क्वांट फंड लॉन्च करने वाले फंड हाउस हमेशा खुद को बढ़चढ़कर दिखाते हैं. वे दावा करते हैं कि उन्होंने जो मॉडल अपनाया है वह सबसे अच्छा है. इसके लिए कभी-कभी बैक-टेस्टिंग के नतीजे दिखाई जाते हैं. इसमें हिस्टोरिकल डेटा पर वही नियम लगाए जाते है जो मॉडल में इस्तेमाल किए गए हैं. इसकी मदद से यह दिखाया जाता है कि ये मॉडल स्कीम में लगाया जाता तो वह कैसा प्रदर्शन करती. अगर देखने में आता है कि फंड ने चुने गए इंडेक्स से लंबे समय तक बेहतर प्रदर्शन किया है तो इसे मजबूत माना जाता है.
स्कीम का 1 साल का प्रदर्शन : 3.61 फीसदी
स्कीम का 3 साल का प्रदर्शन : 11.32 फीसदी
बेंचमार्क का 3 साल का प्रदर्शन : 14.69 फीसदी
स्कीम का 5 साल का प्रदर्शन : 8.14 फीसदी
बेंचमार्क का 5 साल का प्रदर्शन : 12.36 फीसदी
क्वांट टैक्स प्लान
स्कीम का 1 साल का प्रदर्शन : 9.61 फीसदी
बेंचमार्क का 1 साल का प्रदर्शन : 13.12 फीसदी
स्कीम का 3 साल का प्रदर्शन : 13.44 फीसदी
बेंचमार्क का 1 साल का प्रदर्शन : 15.52 फीसदी
स्कीम का 5 साल का प्रदर्शन : 18.62 फीसदी
बेंचमार्क का 5 साल का प्रदर्शन : 12.24 फीसदी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें